Shipping FREE anywhere in India!
items in your cart
  • Home
  • Sangrodh Yog Quarantine Yoga

Sangrodh Yog Quarantine Yoga

Author: Mrs. Kamini Suri  

ISBN: 9788194901860

Year: 2020

Medium: Hindi

Publisher: THE BOOK LINE

245.00220.00
Price includes all taxes.
  • Description
About the book

गीता को बोलना या सुनना नहीं बल्कि गीता को पीना पड़ता है जिन्दगी जीने की कला का नाम गीता है। गीता पर बोलने वाला उतना ही बोल पाएगा जितना उसका ज्ञान है। सुनने वाला उतना ही समझ पाएगा जितनी उसकी समझ है। पर गीता को जीने वाला इसे पूर्ण रूप से समझसकताहैक्योंकि यह ॅंल व िसपमिहै। गीता के हर अध्याय से कुछ श्रोता चुन कर मैंने यह माला पिरोई है। वैसे तो इतने विस्तृत समन्दर को एक  छोटी सी पुस्तक में नहीं समेटा जा सकता पिफर भी गागर में सागर भरने का प्रयास मात्रा है। भावनाओं के उमड़ते हुए ज्वार को क्रमबद्ध करने की चेष्टा मात्रा है। जब मनुष्य किसी गहरे विषाद में या अवसाद में उतरता है तो उसके अन्दर उतनी ही गहरी संभावनाएं पैदा होती है। इन विचारों को लयबद्ध करने का ही प्रयास किया गया है। सागर की गहराइयों में उतरकर मोती दुढ़ कर लाने का प्रयास मात्रा है। जब भी हमारी भावनाएँ लहरों की तरह दिल से टकराती है तो उन्हें शब्दों के रूप में उकेरा जा सकता है। उन्हें कागज और कलम के वैफनवस पर उतारा जा सकता है। वह भी आम बोल-चाल की भाषा में। इसमें जीवन का हर रस प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। आशा है कि यह आपको अवश्य पसन्द आएगी और आप इसेबार-बारपढ़नाचाहेंगे।


About the Author

कामिनी सूरी, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय एवं अर्थ शास्त्र की पूर्व प्रवक्ता रह चुकी है। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से अर्थशास्त्रा में डिग्री हासिल की। तदुपरांत क्ण्।ण्ट कालेज में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया व कोचिंग सीटी वेफ नाम से प्रसिद्ध कोटा के एक प्रतिष्ठित कोचिंगइन्स्टीट्यूटमेंअर्थशास्त्र के प्रवक्ता के रूप में अध्यापन का कार्य किया।
उसके उपरान्त सिंगापुर में गीता के प्रवचन का कार्य किया। वह पिछले दस साल से गीता के प्रवचन देने का कार्य बखूबी से कर रहीं है। जिसे वह ईश्वर का आर्शिवाद मानती हैं। अपने गीता के प्रवचनों से प्रेरित होकर उन्होंने इस पुस्तक के लेखन का कार्य किया।
इस पुस्तक में उन्होंने फनंतंदजपदम रूपी विष्पाद को प्रसाद में बदले की प्रक्रिया का वर्णन किया है। इस कठिन समय में हमें अपने विचारों पर और भावनाओं पर किस प्रकार काबू पाना है इसका वर्णन भी बखूबी किया गया है।
गीता का हर अध्याय एक योग है इसलिए उन्होंने फनंतंदजपदम को भी यह योग की तरह ही देखने का वर्णन किया है। इस कठिन समय में आर्थिक और सामाजिक विषयों को बहुत ही बारिकी से उकेरा गया है।
  • Lorem ipsum dolor sit amet 1
  • Lorem ipsum dolor sit amet 2
  • Lorem ipsum dolor sit amet 3
Website designed by Infomedia Web Solutions