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SAINIK KI KALAM SE

Author: Flt. Lt. Subodh Dixit  

ISBN: 9788194442714

Year: 2020

Pages: 212

Medium: Hindi

Publisher: THE BOOK LINE

295.00200.00
Price includes all taxes.
  • Description
About the Book
यह कविताये सेना के तीनों अंगों के सैनिको के अन्तःभावो से प्रेरित है। अधिकांश कविताएं वीर रस को आधार बनाकर व्यक्त की गयी हैं। एक सैनिक का जीवन किन-किन भावों से प्रेरित होता रहता है, उसे मैंने अपने सीमित ज्ञान के माध्यम से लिखने का प्रयास किया है। मैं अपनी त्राुटियों के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
 
फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुबोध दीक्षित
 
About the book
लेखक का जन्म 18 जून, 1987 को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा शहर में एक सैनिक अस्पताल में हुआ था। आप की शिक्षा-दीक्षा एक सैनिक परिवार में हुई। आपके पिता जी एवं दादा जी भी थल सेना में थे। पिता जी श्री देवी शंकर दीक्षित थल सेना से सेवानिवृत्त है, एवं दादा जी स्व. श्री हरदयाल दीक्षित
द्वितीय विश्व युद्ध के समय थल सेना में थे। सन् 1994 से लेखक कानपुर में स्थित है एवं पैत्राक निवास कानपुर से 50 किमी उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तरीपूरा नामक स्थान पर है, जो कि गंगा तट से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है। लेखक की प्रारंभिक शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय से हुई। लेखक ने भारतीय वायु सेना में 14 दिसम्बर 2013 को सेना की एडमिनिस्टेªशन ब्रांच में कमीशन प्राप्त किया। लेखक ने छत्रापति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से संस्कृत एवं अंग्रेजी भाषा से स्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की एवं राजनीतिक शास्त्रा से परास्नातक की शिक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की प्राप्त की। 
लेखक मार्शल अर्जन सिंह के जीवन से बचपन से ही प्रभावित थे एवं इसी कारण आपको वायु सेना मेें आने का प्रोत्साहन मिला। लेखक वर्तमान में वायु सेना में एयर टैªफिक कंट्रोल आॅफिसर के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
लेखक वीर रस की कविताओं को त्वरित लिखने में दक्ष है। आपने 100 से अधिक वीर रस की कविताओं की रचना की है। इसके अतिरिक्त आपने रतन टाटा ए मोटीवेशनल स्टोरी, सैनिक की कलम से, फ्लाइंग बुलेट जैसी अन्य पुस्तकों को भी लिखा है। लेखक खेल-कूद में भी विशेष रूचि रखते है। आपके नाम भारतीय वायुसेना में 350 किमी की मैराथन को पूरा करने का भी कीर्तिमान है जो 11 दिन में पठानकोट से दिल्ली तक
9 सितम्बर से 19 सितम्बर, 2015 में बनाया गया था। लेखक को भारतीय वायु सेना में आयोजित हिन्दी पखवाड़ा दिवस में भाग लेने पर कुल दस बार से अधिक प्रथम पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
लेखक हिन्दी कविता, कहानी लेखन, निबंध लेखन, संस्मरण, प्रोत्साहन भाषण जैसी विधाओं में पारंगत है। इसके अतिरिक्त लेखक को ज्योतिष, वेदशास्त्रा, अंतरिक्ष विज्ञान एवं देश विदेश की समसामयिक घटनाओं के अध्ययन में विशेष रूचि है।
लेखक को 22 सितंबर 2019 को भारतीय वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बिरेन्द्र सिंह धनोआ परमविशिष्ट सेवामेडल अतिविशिष्ट सेवामेडल, युद्ध सेवामेडल, वायुसेना मेडल ए.डी.सी. द्वारा हिन्दी के क्षेत्रा किए गए विशेष कार्य के लिए राजधानी नई दिल्ली में सम्मानित किया। इस अवसर पर वर्ष 1990 से लेकर अब तक के सभी वायुसेना अध्यक्ष उपस्थित थे। 
 
मृत्यु को बांधकर,
  काल को टालकर,
समय को संभालकर,
  जो ध्वनि से तीव्र चलता है,
सारथी बनकर ईश्वर भी,
  वायु योद्धा के संग रहता है। 
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