कामयाबी की ओर
जीने को तो सभी जीते हैं, परन्तु जीवन जीने का सच्चा आनंद तो उसी को मिलता है जिसके मन से यह वाक्य निकले, ”वाह, मजश आ गया जीवन जी कर।“ किंतु यह तभी संभव है जब व्यक्ति जीवन के लगभग हर क्षेत्रा में कामयाबी हासिल करता हुआ अपनी पसंद का जीवन व्यतीत करे।
कामयाबी कैसे हासिल की जाती है? कैसे आप अपने जीवन में कायाकल्प कर सकते हैं, यही विषय है इस पुस्तक का। यह पुस्तक कामयाबी के पथ पर आपका मार्गदर्शन करेगी।
इस पुस्तक में दिए गए सिद्धांत आपके विचारों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर आपको कामयाबी हासिल करने की सही दिशा और उसके पथ पर चलने के लिए मन में उत्साह और उमंग भर कर कामयाबी की मंजिश्ल तक पहुंचाने की क्षमता रखती है।
यह प्रेरणात्मक, शिक्षाप्रद व जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी एक बहुमूल्य पुस्तक है।
सन् 2005 में अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा विकास संगठन द्वारा ‘‘राष्ट्रीय गौरव’’ सम्मान तथा सन् 2004 में केंद्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद द्वारा ‘‘राजभाषा रत्न’’ सम्मान से सम्मानित, श्री शम्मी सुख ने मौलाना आजाद काॅलेज आॅफ टेक्नोलाॅजी, भोपाल से सन् 1975 में इंजीनियरिंग की। तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद भी आप का रुझान प्राकृतिक तौर पर साहित्य की ओर रहा। इसी के फलस्वरूप आपने हिन्दी व अंग्रेजी में 36 पुस्तकें विभिन्न जीवनोपयोगी विषयों पर लिखीं और लाखों पाठकों के दिल जीत लिए। आप एक लोकप्रिय एवं सफल प्रशिक्षक भी हैं। आपकी कृतियाँ प्रेरणादायी उत्साह का संचार करने वाली और परिणामोन्मुखी हैं। आपकी सभी कृतियाँ जीवन को सफलता की चोटी तक पहुँचाने वाली और उच्चस्तरीय हैं।
आप एक ओजस्वी वक्ता भी हैं और आपके स्वर में प्रखरता के साथ-साथ एक अलग-सी सरलता भी झलकती है, जो कठिन से कठिन बात को भी बहुत ही सुगम बना देती है। वास्तव में, आप विज्ञान और कला का एक अनूठा एवं अद्वितीय संगम हैं।
सन् 2014 में आप भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड से अपर महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए।