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Gumanaam Sitaare: Aapko Prerit Karane Vaalee Sachchee Kahaniyan

Author: Col Pradeep Khare (Retd)  

ISBN: 9789390838325

Year: 2022

Pages: 276

Medium: Hindi

Publisher: The Book Line

495.00
Price includes all taxes.
  • Description
About the Book: 

आजकल ‘सैल्फ़ हैल्प’ विषय पर बहुत सारी पुस्तकें बाज़ार में हैं। उनमें से कई तो ऐसी हैं जिन्हें पढ़ते हुए लगता है जैसे वे हमें प्रवचन दे रही हों। वे सफलता के कोरे सिद्धांतों का वर्णन करती हैं, लेकिन ऐसे कोरे सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करने में तब हमें कठिनाई होती है जब जीवन की कोई व्याहारिक समस्या हमारे सामने आ खड़ी होती है। ऐसे कोरे सिद्धांतों पर आधारित होने के बजाय यह पुस्तक जीवन की ऐसी वास्तविकताओं का वर्णन करती है जिनमें साधारण लोगों ने सफलता के सिद्धांतों पर चल कर वह मुक़ाम हासिल किया है जिसे हासिल करना अधिकांश लोग असंभव ही समझते थे!
इस पुस्तक को पढ़ते-पढ़ते ही आप महसूस करेंगे कि जैसे आप की ऊर्जा पुनरुज्जीवित हो उठी है, जैसे आप में आत्मविश्वास पुनः जाग गया है, और जिस काम को करने में आप अब तक संशयशील रहे है उसे करने का आप में साहस भर गया है। सफलता की इन कहानियों की सबसे बड़ी बात यह है कि ये सारी कहानियां सच्ची हैं। हर कहानी की शुरुआत एक सटीक सूक्ति के साथ की गई है, और हर कहानी को प्रामाणिक बनाने के लिए हर एक में उस कहानी के हीरो का एक फ़ोटो भी दिया गया है।
इन सच्ची कहानियों के हीरो वे साधारण लोग हैं, जो तमाम सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक, और भावनात्मक बाधाओं को पार करते हुए अपने अदम्य साहस के बल पर विजेता के रूप में उभरे हैं। क्या पता कि किसी अगामी किसी संस्करण में आप भी एक हीरो की तरह स्थान पा लें।  

About the Author

कर्नल (सेवानिवृत्त) प्रदीप खरे गणित और शिक्षा में पोस्ट-ग्रेजुएट हैं। अपने पूरे विद्यार्थी काल में वे हमेशा ही मेधावी छात्र रहे और मेरिट सूची में स्थान पाते रहे। 1979 में उन्हें सेना के शिक्षा कोर में अधिकारी पद पर नियुक्ति मिली। वहां अपनी सेवा के दो दशकों के दौरान वे मुख्य रूप से सेना के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्य से जुडे़ रहे, जैसे इंडियन मिलिटरी एकेडमी, नेशनल डिफ़ैंस एकेडमी, आर्मी एजुकेशनल कोर टेªà¤¨à¤¿à¤‚ग काॅलेज एंड सैंटर, और सैनिक स्कूल कपूरथला।
सेना में बीस वर्ष सेवा करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अब वे दिल्ली एनसीआर में रह रहे हैं, और शिक्षा परामर्शदाता के रूप में और व्यक्तित्व विकास के एक मान्य वक्ता के रूप में स्वतंत्रातः कार्य कर रहे हैं। वे एक ओपन यूनिवर्सिटी में परामर्शदाता के रूप में भी काम कर चुके हैं जहां दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए स्वाध्याय पाठ तैयार करना उनका दायित्व रहा। पढ़ने में उनकी गहरी रुचि है। वे एक सक्रिय ब्लाॅगर हैं जिसको फ़ाॅलो करने वालों की एक बड़ी संख्या है। उनके लेख प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। वे एक प्रेरणात्मक यूट्यूब चैनल भी चला रहे हैं - गुलदस्ता, जिसके लिए उन्हें वर्ष 2019 के लिए सर्वोत्तम प्रेरणात्मक यूट्यूबर के रूप में पुरस्कृत भी किया गया है। वे एक ज्म्क्ग ेचमंामत भी हैं।
वे एक मिशन पर हैं जिसका नाम उन्होंने रखा है - ‘इस संसार को रहने की एक बेहतर जगह कैसे बनाया जाए’। इस प्रयोजन से वे विद्यार्थियों के साथ परिसंवाद सत्र आयोजित करते हैं जिसका नाम है-
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