एक अरसे से,
ख़ामोश हूँ,
पर बे-ज़ुबाँ,
मैं नहीं हूँ,
दिल से रूह से,
बा-होश हूँ,
बे-हिस इंसाँ,
मैं नहीं हूँ,
आग है मुझमें,
पुरजोश हूँ,
बेबात धुँआ,
मैं नहीं हूँ,
प्यार तुम्हारे से,
मदहोश हूँ,
यूँही करता ब्याँ,
मैं नहीं हूँ….
About the Author
श्री आकाश सेठी का जन्म दिल्ली के एक सभ्रांत परिवार में, १० अक्तूबर, '६३ को हुआ। उनके पिता, डॉ दर्शनलाल सेठी, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक थे और मध्यकालीन कविता के विशेषज्ञ थे। डॉ सेठी ने जायसी, मंझन, कबीर आदि कवियों की रचनाओं पर समालोचनात्मक शोध ग्रंथों का लेखन किया।
बाल्यकाल से ही, आकाश सेठी की साहित्य में अत्यंत रूचि थी और उनकी सृजन-यात्रा का प्रारम्भ, मात्र ११ वर्ष की आयु में ही हो गया, जब उनकी एक काव्य रचना "प्रचेता" नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। तदुपरांत, उन्होंने अपनी अभियांत्रिकी की शिक्षा के दौरान, नाटकों में अभिनय के अतिरिक्त, नाटकों का निर्देशन और लेखन भी किया। उनके प्रथम प्रकाशित नाटक "एक चोरी यह भी "को मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सन १९९१ में पुरस्कृत किया गया। साहित्यिक रचना करने के अतिरिक्त, उन्हें टेलीविज़न और रेडियो के लिए लिखने का भी अनुभव है।
श्री आकाश सेठी, रासायनिक अभियांत्रिकी में स्नातक हैं और उन्होंने मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर योग्यता प्राप्त की है। हाल ही में, इंडियन आयल कारपोरेशन से महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए, श्री आकाश सेठी ने, इंडियन आयल कारपोरेशन में अपने ३६ वर्ष के सेवाकाल में, कारपोरेशन में कई महत्वपूर्ण उत्तरदायित्वों का निर्वहन बख़ूबी किया।
पिछले कुछ समय से, पुनः कविता की विधा में रूचि लेते हुए, उन्होंने यूट्यूब पर, स्वरचित कविताओं को अपने चैनल "आसमां शायरी का: Aakash" पर वीडियो रूप में host किया है। इस चैनल पर उनकी लगभग ६०० रचनाएं उपलब्ध हैं। प्रस्तुत कविता संग्रह, "आसमाँ की ज़ुबानी", उनका प्रथम प्रकाशित कविता-संग्रह है।
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