सकारात्मक सोच को रोजमर्रा की जिंदगी में रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करते हुए समाज को पाॅजिटिव लाइफ देने वाले दिल्ली निवासी जौली अंकल लाजवाब कलम के धनी है। जागरूकता का संदेश देते हुए यह अक्सर कहते हैं कि ज्ञान और विज्ञान में इतनी शक्ति है कि यह हर किसी के मन से अंधविश्वास, डर, नकारात्मक सोच सदा के लिये खत्म कर सकते हैं। किसी भी देश के लोग जो अंधविश्वास में जी रहे हो उन्हें विकसित या सभ्य समाज नहीं कहा जा सकता। इसलिए इन्होंने अपनी इस नई पुस्तक के माध्यम से समाज में फैली अंधविश्वास जैसी कुरीतियों के खिलाफ अभियान शुरू करने का प्रयास किया है। जौली अंकल पाॅजिटिव लाइफ से हर इंसान के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले माने जा सकते है। विषय चाहे कोई भी हो यह अपनी हर बात इतनी सरल भाषा में कहते है कि वो सीधा पाठको के दिल को छू जाती हैं। देश-विदेश में इनकी लोकप्रिय किताबें अब हिंदी के अलावा अंग्रेजी, बंगाली, मराठी, गुजराती एवं पंजाबी भाषा में भी पाठकगण बार-बार पढ़ना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि एक अच्छे लेखक को सदैव ऐसी भूमिका निभानी चाहिए जिससे समाज में जागरूकता एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके। अपनी हर नई पुस्तक लिखते समय वो इस बात का ध्यान रखते है कि उनके द्वारा लिखे हुए विचार मानवजाति के हित में होने के साथ दूसरों का जीवन संवारने में मददगार साबित हो पायें। जौली अंकल देश के हर वर्ग से अपील करते हुए यही कहते हैं कि जागरूकता रूपी इस अभियान को हर घर तक पहुँचाया जाये ताकि सभी लोग अंधविश्वास को मिटा कर सही दिशा पर आगे बढ़ सकें। अभी तक इनकी प्रकाशित 32 पुस्तकों की कद्र करते हुए इन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा 125 से अधिक मान-सम्मान, पुरस्कारों एवं अवार्डो से सम्मानित किया जा चुका है।